मेरठ, मई 17 -- मेरठ। विकास की रफ्तार जब इंसान की सांसों पर भारी पड़ने लगे तो सवाल उठता है कि क्या यह तरक्की सच में जिंदगी को बेहतर बना रही है। मेरठ में विकास बयार तो नजर आ रही है लेकिन धूल के गुबार और बढ़ते प्रदूषण ने लोगों का दम घोंटना शुरू कर दिया है। हर ओर निर्माण कार्यों की आवाज सुनाई देती है, लेकिन इस आवाज में आम आदमी की सांसें घुटती जा रही हैं। सड़कों पर उड़ती धूल, कटते पेड़ और विभागों की लापरवाही ने मेरठ की हवा को जहर बना दिया है। न व्यापार चैन से हो रहा है, न जीवन सामान्य रह गया है। लगातार बढ़ते एक्यूआई से साफ है कि शहर अब सांस लेने में दिक्कतें महसूस कर रहा है। हिन्दुस्तान बोले मेरठ ने बढ़ते प्रदूषण को लेकर लोगों से संवाद कर उनके मन की बातों को जाना। विकास की राह पर सरपट दौड़ में मेरठ का दम घुटने लगा है। शहर के अंदर से बाहर तक नि...