मेरठ, मई 5 -- मेरठ। भारत देश, जहां विविधता ही इसकी असली पहचान है। इसमें जैन समाज ने भी अपनी अल्पसंख्यक स्थिति होने के बावजूद एक अनूठी और समृद्ध पहचान बनाई है। जैन धर्म, जो अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह और संयम के सिद्धांतों पर आधारित है, अपने अनुयायियों के जीवन में गहराई से रचा-बसा है। जिसकी कुल आबादी देश की जनसंख्या का एक बहुत छोटा हिस्सा है। वह सीमित संख्या और संसाधनों के बावजूद संघर्षरत रहा है। आज भी जैन समाज खुद को नए मुकान देने की जुगत में लगा है। उस अपने प्रतिनिधित्व के साथ सम्मान-सुरक्षा की दरकार है। जिला मेरठ, जहां जैन समाज की कुल आबादी 50 हजार के करीब है, लेकिन हर कोने में उनकी दस्तक देखने को मिल जाएगी। मेरठ जिले की बात करें तो शहर में जैन नगर, थापर नगर, सदर बाजार, असोड़ा हाऊस और ग्रामीण देहात एरिया में सरधना, मवाना, हस्तिनापुर, जहां जै...
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