मेरठ, जुलाई 2 -- शहर की रफ्तार में पल्लवपुरम फेज-टू के कुछ हिस्से आज भी खुद के विकास की बाट जोह रहे हैं। दशकों पहले बना पल्लवपुरम फेज-टू का एन पॉकेट गांव से भी बदतर हालत में नजर आता है। टूटी सड़कें और बिन बरसात सड़कों पर भरा गंदा पानी लोगों के जीवन को दुश्वारियों में बदल रहा है। बरसात हो जाए तो एन-पॉकेट नरक बन जाता है। यहां रहने वाले लोग रोज गंदगी और जलभराव से जूझते हैं, जो इस समस्या से निजात चाहते हैं। पल्लवपुरम फेज-टू की एन पॉकेट योजना नब्बे के दशक में बनी थी। धीरे-धीरे यहां लोगों की बसावत होती गई और जमीन के रेट भी आसमान छूते गए। करीब पौने दो सौ मकान इस क्षेत्र में मौजूद हैं और आठ हजार के लगभग लोग यहां रहते हैं। पूरा क्षेत्र नगर निगम को हैंडओवर है लेकिन इसके सीवरों की व्यवस्था आज भी एमडीए के पास है। पास में ही एसटीपी बनाया गया है। जिसके...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.