मेरठ, अक्टूबर 8 -- इस बार पहाड़ों पर हुई बारिश ने भारी तबाही मचाई। बाढ़ के सैलाब ने मैदानों को भी चपेट में ले लिया। इस आपदा का सबसे ज्यादा असर दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ा। बारिश ने उद्योग-धंधों के साथ ही निर्माण कार्यों पर असर डाला। इसके अलावा फैक्ट्रियों में बदल रहे काम के स्वरूप के चलते भी मजदूरों को काम मिलना कम हो गया। शहर में लेबर अड्डों पर रोजाना हजारों की संख्या में मजदूर इस उम्मीद से आते हैं कि आज तो काम मिल जाएगा लेकिन शाम होते-होते निराशा हाथ लगती है। अब तो उन्हें लगने लगा है कि पैसे के अभाव में उनकी इस बार की दीपावली फीकी न रह जाए। मेरठ शहर के 4 बड़े लेबर अड्डे, शास्त्री नगर के-ब्लॉक, बेगमपुल चौराहा, जेल चुंगी चौराहा और बागपत अड्डा। यहां पूरे मेरठ और बाहर के दस हजार से अधिक मजदूर रोज दिहाड़ी मजदूरी के लिए आते हैं। बहुत सारे मजदूर ऐ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.