मेरठ, जुलाई 1 -- मेरठ। फ्रेंड्स कॉलोनी नाम सुनते ही लगता है कि यह कोई आधुनिक, सुव्यवस्थित क्षेत्र होगा लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। यहां के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरस रहे हैं। मेरठ शहर के नक्शे पर विकास की बाट जोह रहे इलाकों में फ्रेंड्स कॉलोनी भी शामिल है। यहां ना सड़कें हैं और ना ही नालियां बनी हैं। गड्ढों से भरी जिंदगी, अंधेरे से घिरी रातें और बदहाल गलियां इस कॉलोनी की असली पहचान बन चुकी है। यहां के लोग शहर में बह रही विकास की बयार में शामिल होना चाहते हैं। दिल्ली रोड पर मौजूद रैपिड और मेट्रो ट्रेन के स्टेशन से कुछ दूरी पर फ्रेंड्स कॉलोनी है। सरस्वती लोक कॉलोनी वाली रोड पर मौजूद फ्रेंड्स कॉलोनी 2004 में बनी थी। धीरे-धीरे यहां लोगों के मकान बनते गए और आबादी 1500 से अधिक पहुंच गई। बीस साल बाद भी इस कॉलोनी की हालत एक गांव से भी...