मेरठ, अक्टूबर 1 -- अस्पताल में मरीजों की सेवा और घर पर परिवार की देखभाल, दोनों जिम्मेदारियां नर्स बेहद सहजता और समर्पण के साथ निभाती हैं। यह न केवल रोज़ाना आठ घंटे की नियमित ड्यूटी करती हैं, बल्कि सप्ताह में 12 घंटे की रात की ड्यूटी भी करती हैं। ओपीडी से लेकर ऑपरेशन थियेटर तक डॉक्टरों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने के बाद भी मरीजों को दवा देना, खानपान का ध्यान रखना नर्सों की ही जिम्मेदारी होती है। इतना होने के बावजूद भी पुरानी पेंशन, काम के अनुसार वेतन आदि विसंगितयों से वह जूझ रही हैं। नर्स, यह केवल एक नाम नहीं है, बल्कि एक भावना है, सेवा की, ममता की और त्याग की। अस्पतालों में मरीजों की देखभाल करना, उनकी दवा देना, खानपान का ध्यान रखना, ऑपरेशन थियेटर से लेकर ओपीडी तक डॉक्टरों के साथ समन्वय बनाए रखना, यह सब नर्सों के रोजाना कार्यों का ...
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