मेरठ, मई 10 -- मेरठ। शहर की सड़कों के किनारे और नुक्कड़ पर आपको एक शेड या खोखे में बैठा हुआ मैकेनिक दिख जाता है। वाहनों को ठीक करते हुए काले हुए उसके हाथ, चेहरे पर मेहनत की लकीरें और आंखों में उसके परिवार भविष्य नजर आता है। जो टूटी बाइक को फिर से दौड़ने लायक बना देता है, बेकार हुई गाड़ी को चालू कर देता है, समझो जंग लगी मशीनों में जान फूंक देता है। लेकिन आजकल शहर में कई जगह पर वही हुनरमंद हाथ खाली बैठे दिखते हैं। बदलते समय में उनकी मेहनत और हुनर कुछ नयापन चाहते हैं। मेरठ शहर की सड़कों के किनारे, हाईवे और चौराहों के आसपास टू व्हीलर की मरम्मत करने वाले सैकड़ों मैकेनिक नजर आते हैं। जो बाइक, स्कूटर, स्कूटी और मोपेड को ठीक करके अपने परिवार की रोजी रोटी का जुगाड़ करते हैं। वहीं कुछ जगहों पर फोर व्हीलर ठीक करने के लिए कार गैराज और उसमें काम करने ...