मेरठ, मई 30 -- नगर निगम के वार्ड छह का हिस्सा कुंडा गांव, कहने को तो शहरी इलाका है, लेकिन यहां गांव से भी बुरे हालात हैं। यह पूरा इलाका आज एक ऐसी स्थिति में खड़ा है, जहां विकास और उपेक्षा के बीच की खाई दिन-ब-दिन गहरी होती जा रही है। लगभग 35 साल पहले जब इस गांव को नगर निगम में शामिल किया गया था, तो गांववासियों की आंखों में उम्मीद की एक चमक थी। उन्हें लगा था कि अब गांव की तस्वीर बदलेगी, पक्की सड़कों पर बच्चे खेलेंगे, हर घर में टंकी से पानी आएगा और गली-मोहल्लों में अंधेरा नहीं, बल्कि बिजली की रोशनी होगी। लेकिन हालात ये हैं कि इलाके में ना पानी की निकासी है और ना ही खंभों में स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था। आज भी कुंडा गांव अपने विकास की बाट जोहता नजर आता है। करीब 35 साल पहले 1989 में कुंडा गांव में पार्षदी के चुनाव हुए थे। नगर निगम के वार्ड छह म...