मेरठ, मई 10 -- बुधवार को सुरक्षा अभ्यास के दौरान 15 मिनट के ब्लैक आउट ने हमारी पोल खोल दी। इन हालातों में खुद की जान की परवाह न करने वालों से देश अपने लिए क्या उम्मीद करेगा। गनीमत रही कि वो मॉक ड्रिल थी। इस बड़ी लापरवाही से सबक लेना होगा। वैसे भी शुरुआती दौर की ढिलाई और सख्ती के बाद ही हम चेतते हैं। कोरोना काल की यादें इसका सबूत हैं। अभी भी वक्त है, आइए बीती बातें बिसार कर गंभीरता के साथ संकल्प लें कि देश हित के लिए स्वस्फूर्त जुटेंगे, क्योंकि अब अभ्यास की नहीं इम्तिहान की घड़ी है। अंतिम 'युद्ध अभी बाकी है...। चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय, सुभारती विश्वविद्यालय, आईआईएमटी, मेरठ कालेज समेत 11 स्थानों पर आयोजित मॉक ड्रिल में लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया। यह तो पता चला कि विपरीत स्थिति में मेरठ हर तरह से लड़ने को तैयार है। कुछ कमियां...
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