मेरठ, अगस्त 16 -- मेरठ एक ऐतिहासिक, जीवंत और मेहनतकश शहर है, लेकिन आज इसकी सड़कों पर, बाजारों में नजारा कुछ और ही बयां करता है। यहां के बाजारों में रौनक तो है, पर उसी के साथ भीड़, अव्यवस्था और लापरवाही भी। सवाल यह है कि क्या हम अपने शहर को सिर्फ नाम से चाहते हैं, या उसकी असल खूबसूरती भी बचाना चाहते हैं। आजादी का दिन हम बड़ी धूमधाम से मनाते हैं, लेकिन कभी यह ध्यान नहीं रखते, कि शहर को सुंदर और स्वच्छ बनाने जिम्मेदारी हम निभा पा रहे हैं। आपकी सुविधा, दूसरों के लिए परेशानी तो नहीं बन रही, सही मायने में हम केवल अपनी आज़ादी न देखें, दूसरों का भी रखें ध्यान, यही है असली स्वतंत्रता दिवस। पहली क्रांति का उद्गम स्रोत मेरठ, जहां से 1857 की क्रांति शुरू हुई, आज यह शहर विकास के पथ पर अग्रसर है। रैपिड और मेट्रो शहर को और भी रफ्तार देने जा रही हैं। वही...