मुरादाबाद, मार्च 13 -- शिक्षामित्रों का कार्यभार परिषदीय स्कूलों में बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें उचित सम्मान और वेतन नहीं मिल पा रहा है। 10 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय पर काम करने वाले ये शिक्षामित्र न केवल बच्चों को पढ़ाते हैं, बल्कि पल्स पोलियो, जनगणना, पशु गणना, बीएलओ ड्यूटी जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में जिम्मेदारी निभाते हैं। मिड-डे मील व स्कूलों के कई कामों में उनका योगदान अहम है, लेकिन इन शिक्षामित्रों की वर्षों से चली आ रही मांग यह है कि वे शिक्षक के समान वेतन और सम्मान के हकदार हैं। इन्होंने प्रदेश स्तर पर अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलांद की, लेकिन इनकी मांगों पर शासन ने गौर नहीं किया। इससे इनमें असंतोष और निराशा का माहौल है। शिक्षामित्रों की नियुक्ति उपशिक्षकों के तौर पर परिषदीय स्कूलों में की गई थी। प्राथमिक शिक्षा क...