मुजफ्फर नगर, फरवरी 23 -- उम्र के 60 वर्ष पार होते ही व्यक्ति सीनियर सिटीजन की श्रेणी में आ जाता है। बढ़ती उम्र के साथ पारिवारिक, आर्थिक, सामाजिक स्तर पर समस्याएं बढ़ने लगती हैं, जबकि बढ़ती उम्र के पड़ाव में समस्याओं से निपटने की क्षमता भी कम होनी लगती है। जिस कारण सीनियर सिटीजन को बैसाखियों का सहारा लेना पड़ता है। कभी पेंशन का महीनों अटकना, कभी नगर पालिका में काम, बिजली विभाग में के चक्कर काटना सीनियर सिटीजन के लिए परेशानी का सबब बन जाता है। सीनियर सिटीजन होने के नाते किसी विभाग में इनको मान-सम्मान मिल भी जाता है, तो किसी विभाग में अधिकारी-कर्मचारी इन उन्हें चक्कर कटवाने में बाज नहीं आते हैं। सीनियर सिटीजन सुकून से जीवन व्यतीत करना चाहते हैं। लेकिन जिम्मेदारियों का बोझ इस कदर बढ़ जाता है, कि समस्याओं के समाधान न होने पर बेचैनी सताने लगती ...