मुजफ्फर नगर, जुलाई 21 -- श्रावण मास में कांवड़ करोड़ों शिवभक्तों की आस्था का प्रतीक है, जिसमें शिवभक्त कांवड़िये अपने अराध्य भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए तीर्थनगरी हरिद्वार से पवित्र गंगाजल लेकर अपने गंतव्य तक पदयात्रा करते हैं। हर साल करोड़ों कांवड़िये तीर्थनगरी हरिद्वार से पवित्र गंगाजल लेकर गंतव्य तक सैकड़ों किलोमीटर लंबी पदयात्रा करते हैं। इस लंबी पदयात्रा के दौरान कांवड़िये गर्दन, कंधे व कमर दर्द के साथ ही अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करते हैं, लेकिन कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनके उपचार हेतु पर्याप्त व्यवस्थाएं न होने से शिवभक्तों को केवल कांवड़ सेवा शिविरों में लगने वाले चिकित्सा कैंपों पर आश्रित रहकर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का आलम यह है कि प्रतिदिन ए...