मुजफ्फर नगर, मई 25 -- जिले में 'रंगमंच आज भी अपनी पहचान तलाश रहा है। यहां न तो कोई स्थाई थिएटर है और न ही अभिनय को बेहतर करने के लिए प्रशिक्षण संस्थान, जिससे युवा अपनी प्रतिभा निखार सकें। मंच की कमी और संसाधनों के अभाव में कई प्रतिभाएं या तो गुमनामी में खो रही हैं या फिर बड़े शहरों की ओर पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। वहीं कुछ जुनूनी कलाकार अपने कला के दम पर नुक्कड़ नाटकों और लघु फिल्मों में अभिनय करके रंगमंच की लौ को जलाए हुए हैं। 'हिन्दुस्तान से बातचीत में रंगमंच कर्मियों और कलाकारों ने अपनी समस्याएं साझा करते हुए प्रशासन से समाधान की मांग की है। वैसे तो मुजफ्फरनगर गुड़ की मिठास के साथ ही ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण जिला माना जाता है, जहां दुनियाभर से पर्यटक शुकतीर्थ में दर्शन करने के लिए आते हैं, बावजूद इसके जिले में य...
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