मुजफ्फर नगर, मार्च 3 -- अखंड भारत में वर्ष 1947 में हुआ विश्व का पहला इतना बड़ा बंटवारा, जिसमें करोड़ों लोग विस्थापित हुए और लाखों को जान गंवानी पड़ी। किसी ने अपना सब कुछ छोड़कर पाकिस्तान को चुना तो बड़ी संख्या में लोग धन-दौलत, कारोबार, हवेलियां व जमीनें गंवाकर हिन्दुस्तान में आकर बस गए। इन्हीं में शामिल है पंजाबी समुदाय, जिन्होंने धर्म की खातिर सर्वस्व गंवाकर देश के रूप में हिन्दुस्तान का चयन किया। इन्होंने खाली हाथ हिन्दुस्तान में आकर नए सिरे से जिंदगी शुरू की और कड़ी मेहनत कर कामयाबी की नई इबारत लिख डाली। कारोबारी दुनिया में अलग स्थान बनाने वाले इस समुदाय को शासन-प्रशासन से राजनीति में उचित महत्व देने और शरणार्थी के तमगे को उनसे हटाने की चाह है।   खाली हाथ नए सिरे से जिंदगी शुरू कर लिखी कामयाबी की इबारत मुजफ्फरनगर। बंटवारे के समय नए बन...