भागलपुर, मार्च 22 -- जिले में वित्त रहित शिक्षक 800 हैं, जो कई वर्षों से बिना नियमित वेतन के शिक्षा व्यवस्था में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ये कई समस्याओं से जूझ रहे हैं। छात्रों के भविष्य को उज्ज्वल करने वाले शिक्षक आज अपने भविष्य की चिंता कर रहे हैं। वित्त रहित शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारी करीब चार दशक से बिना वेतन के कार्य करने को विवश हैं। उनके जीवन में नई-नई समस्याएं उत्पन्न होने लगी हैं। शिक्षक अपने नियमित वेतनमान को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। इससे भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। संवाद के दौरान इन्होंने अपनी समस्याओं पर खुलकर चर्चा की और कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। 08 सौ है जिले में अनुमानित वित्तरहित शिक्षकों की संख्या 31 है जिले में वित्तरहित महाविद्यालयों की संख्या 07 वर्षो...
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