भागलपुर, मार्च 3 -- ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ माने जाने वाले चिकित्सकों की स्थिति दिन-ब-दिन दयनीय होती जा रही है। वर्षों की मेहनत, अनुभव और प्रशिक्षण के बावजूद उन्हें सरकारी स्तर पर कोई पहचान या स्थायी नियोजन नहीं मिल सका है। यह केवल उनके व्यक्तिगत भविष्य की चिंता नहीं है, बल्कि इससे ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं पर भी गंभीर असर पड़ रहा है। मुंगेर के पूरब सराय में ग्रामीण चिकित्सकों ने हिन्दुस्तान के साथ संवाद के दौरान अपनी समस्याएं बताईं। 05 हजार ग्रामीण चिकित्सक कार्यरत हैं मुंगेर जिले में 04 हजार ग्रामीण क्षेत्रों में दे रहे हैं अपनी सेवा 03 सौ ग्रामीण चिकित्सकों ने लिया है स्वास्थ्य विभाग से प्रशिक्षण मुंगेर जिले में लगभग 5000 ग्रामीण चिकित्सक कार्यरत हैं, जिनमें से करीब 300 चिकित्सकों ने स्वास्थ्य विभाग द्वार...