भागलपुर, मार्च 31 -- भारत में कृषि के साथ-साथ पशुपालन एक प्रमुख व्यवसाय रहा है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। मुंगेर जिले के हजारों किसान और युवा पशुपालन व डेयरी उद्योग के माध्यम से स्वरोजगार कर रहे हैं, लेकिन इस क्षेत्र में कई गंभीर चुनौतियां भी हैं, जिनका समाधान आवश्यक है। पशुपालकों की समस्याओं पर हिन्दुस्तान द्वारा सदर मुंगेर प्रखंड के चड़ौन गांव में स्थित दुर्गा मंदिर में पशुपालकों के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। किसानों ने अपनी समस्याएं खुलकर बताईं। 07 लाख दुधारू पशु हैं मुंगेर जिले के विभिन्न प्रखंडों में लगभग 20 है जिले के विभिन्न प्रखंडों में सरकारी पशु चिकित्सालयों की संख्या 18 चिकित्सक हैं जिले के प्रखंडों के सरकारी पशु चिकित्सालयों में मुंगेर जिले में एक अनुमान के अनुसार लगभग 7 लाख दुधारू पशु हैं, लेकिन पशु चिकित्...
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