भागलपुर, मई 17 -- आदिवासी समाज की समस्या प्रस्तुति: रणजीत कुमार ठाकुर/गौरव कुमार मिश्रा आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी भारत के कई कोने ऐसे हैं, जहां विकास की किरण अब तक नहीं पहुंच पाई है। बिहार जैसे कम आदिवासी की आबादी वाले राज्य के कई आदिवासी गांवों की यही स्थिति है। इन्हीं में से एक है मुंगेर जिले के संग्रामपुर प्रखंड का डंगरा गांव, जो नक्सल प्रभावित क्षेत्र में स्थित है और आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। यह गांव एक तरफ प्राकृतिक संपदा और सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक है, वहीं दूसरी ओर विकास की दौड़ में सबसे पीछे छूट गया है। उनके पिछड़ेपन के कारण को उजागर करने के लिए उनके साथ अपने हिन्दुस्तान अखबार द्वारा संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें उन्होंने अपनी समस्याओं को हमारे समक्ष रखा। डंगरा गांव, जो प्रखंड मुख्यालय से मात्र 12 क...