भागलपुर, मार्च 8 -- प्रस्तुति: गौरव कुमार मिश्रा राज्य और केन्द्र सरकार पशुपालन को बढ़ावा दे रही है। उनके उत्थान के लिये कई योजनाएं हैं पर जमीनी स्तर पर मुंगेर जिले के पशुपालकों को कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। उन्हें अपने बीमार मवेशियों को टीके दिलाने व इलाज में काफी खर्च करना पड़ता है। तंगी में जीने वाले पशुपालकों को कर्ज लेकर अपने मवेशियों का इलाज करना पड़ता है। यह उनकी कठिन परिस्थितियों को दर्शाता है। यहां के पशुपालकों ने हिन्दुस्तान के साथ आयोजित संवाद कार्यक्रम में खुलकर अपनी परेशानी रखी। पशुपालन किसानों के लिए आत्मनिर्भरता का एक महत्वपूर्ण जरिया है। अधिकतर किसान खेती के साथ-साथ दुधारू पशुओं का पालन कर अपने व अपने परिवार का जीवनयापन करते हैं। पहले मुंगेर जिले में पर्याप्त चरागाह थे और पशुओं के लिये हरा चारा आसानी से उपलब्ध था। यह...
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