भागलपुर, जून 15 -- प्रस्तुति: नवीन कुमार झा भारत की आत्मा गांवों में बसती है। लेकिन आज भी गांवों में रहने वाले लोगों के समक्ष कई तरह की परेशानियां मुंह बाएं खड़ी है। धरहरा प्रखंड की नक्सल प्रभावित बंगलवा पंचायत के करेली तुरी टोला में मूलभूत सुविधाओं का अब भी घोर अभाव बना हुआ है। इस गांव में लगभग 1000 तुरी समाज के लोग रहते है। जिसका मुख्य पेशा बांस का सूप एवं टोकड़ी बनाना है। लेकिन आधुनिक युग ने इस धंधे की रौनक चौपट कर कर दी। आज के समय में प्लस्टिक का सूप एवं टोकड़ी बाजार में आ जाने से बांस की सूप एवं टोकड़ी की बिक्री कम हो गई है। जिसके कारण तुरी समाज के लोगों को परिवार के लिये दो जून की रोटी जुटाना भी असंभव हो गया है। इसके साथ ही बुनकरों के लिए एक अदद बुनकर सामुदायिक भवन भी नसीब नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि बुनकर सामुदायिक केंद्र नहीं होने ...