मिर्जापुर, मई 16 -- हम फूल-माला, नारियल, चुनरी-अगरबत्ती बेचते हैं, लेकिन अब गुजारा मुश्किल हो गया है। मंदिर के मार्गों पर श्रद्धालुओं के पैर जलते हैं, क्योंकि छाया का इंतजाम नहीं है। श्रद्धालुओं को ठंडे पानी के लिए भटकना पड़ता है। हमें कड़ी धूप में ग्राहकों का इंतजार करना पड़ता है। बैरिकेडिंग ने उनकी राह बदल दी है। स्वरोजगार योजना के लाभ भी दूर हैं-यह दर्द है विंध्य धाम के दुकानदारों का। उनका कहना है कि दूरदराज से लोग यहां अपनी मनौती पूरी करने आते हैं, लेकिन हमारी आजीविका संकट में है। मां विंध्यवासिनी धाम सिर्फ आस्था का केंद्र नहीं, हजारों परिवारों की रोजी-रोटी का भी आधार है, लेकिन यहां के दुकानदारों की तकलीफें श्रद्धालुओं के जयकारों में दब जाती हैं। एक तरफ विंध्यधाम को विश्वस्तरीय स्वरूप देने के प्रयास हो रहे हैं, वहीं यहां के छोटे दुकान...