मिर्जापुर, फरवरी 25 -- वे राजकीय शिक्षकों की तरह ही विद्यालयों में पढ़ाते हैं। समय-समय पर मिलने वाली दूसरी जिम्मेदारियां भी निभाने में पीछे नहीं रहते लेकिन उन्हें समान वेतन छोड़िए, समय से वेतन नहीं मिलता। सम्मान के लिए तरसते हैं। वेतन, डीए और बोनस महीनों से लंबित हैं। नेशनल पेंशन स्कीम में सरकारी अंशदान नहीं हो रहा। अब आयकर रिटर्न का फार्म-16 न मिलने से उनका फरवरी माह का वेतन रूक सकता है। खास यह कि ये सभी परेशानियां डीआईओएस और उनके कार्यालय की लापरवाही के चलते बनी हुई हैं। जिले में 52 एडेड विद्यालय हैं। उनमें लगभग 1300 अशासकीय शिक्षक कार्यरत हैं। नगर के रमईपट्टी स्थित एएस जुबिली इंटर कालेज में 'हिन्दुस्तान से चर्चा में माध्यमिक शिक्षा विभाग के अशासकीय शिक्षकों ने अपनी पीड़ा सुनाने के साथ मरहम की आस जताई। श्रीश कुमार श्रीवास्तव, पंकज श्रीव...
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