मिर्जापुर, मार्च 30 -- बाजीराव कटरा और वासलीगंज के थोक-फुटकर कपड़ा कारोबारी चुनौतियों से पस्त हैं। जीएसटी की जटिलता से उबरते हैं तो फैशन में बदलाव और ऑनलाइन मार्केटिंग उन्हें पटक देती है। रही-सही कसर टूटी सड़कें और गंदी गलियां पूरी कर देती हैं। आलम यह है कि ग्राहकों के इंतजार में उनकी सुबह शाम में बदल जाती है। उन्हें दरकार है चकाचक व्यवस्था की ताकि उनका कारोबार चमके। बाजीराव कटरा में 'हिन्दुस्तान के साथ चर्चा के दौरान कपड़ा कारोबारियों ने कई समस्याएं साझा कीं। वे न केवल आज की दिक्कतों से परेशान हैं बल्कि भविष्य के लिए भी चिंतित हैं। पूछते हैं-'आखिर कब प्रशासन और उसके 'कारसाज उनका सुधि लेंगे? मनोज कुमार जैन कहते हैं कि क्वालिटी वाले कपड़े आत्मविश्वास बढ़ाते हैं। बाजार सुसज्जित हो और सुविधाएं बेहतर हों तो कारोबार चमकेगा। अफसोस, यहां ऐसा नही...