मिर्जापुर, मार्च 19 -- जग विख्यात मां विंध्यवासिनी का दरबार श्रद्धा और भक्ति का पावन स्थल है। यहां दुनिया भर के भक्त नतमस्तक होते हैं, लेकिन भक्त और भगवान के बीच आस्था के सेतु तीर्थपुरोहित समस्याओं से जूझ रहे है। खासकर बुजुर्ग तीर्थ पुरोहित आर्थिक असुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और भविष्य की चिंता जैसी समस्याओं को लेकर चितिंत है। उन्हें मंदिर प्रशासन की तरफ से फूटीकौड़ी भी नहीं दी जाती है। वहीं मंदिर के दानपात्र से मिलने वाले धन से श्रद्धालुओं के लिए यात्री शेड की भी व्यवस्था नहीं की जा रही है। तपती दोपहरी में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के पांव में छाला भी पड़ सकता है। तीर्थपुरोहित सिर्फ पूजा-अर्चना ही नहीं कराते, बल्कि पीढ़ियों से चली आ रही परंपरा के सजीव वाहक होते हैं। उनके स्वरों में श्रद्धा की ध्वनि होती है, कर्मों में भक्ति की अनु...