मिर्जापुर, फरवरी 16 -- मिर्जापुर। मिर्जापुर के पावर लिफ्टर जुगाड़ पर सपने सजा रहे हैं। उनका वर्कआउट किसी कौशल से कम नहीं है। पावर लिफ्टिंग महज खेल नहीं, बल्कि हर दिन कौशल प्रदर्शित करने का बेहतर माध्यम है। संसाधन और प्रोत्साहन न मिलने से इंटरनेशनल और नेशनल स्तर पर पदक जीतने वाले कई पावर लिफ्टर संन्यास ले चुके हैं। वे ट्रेनिंग और संसाधन चाहते हैं। पावर लिफ्टिंग ओलंपिक खेलों का हिस्सा नहीं है। इस नाते उसे कम महत्व मिलता है। जिले में पॉवर लिफ्टिंग के 150 से अधिक खिलाड़ी हैं। मगर उनके लिए सरकारी प्रशिक्षण केंद्र नहीं है। खेल विभाग और जनप्रतिनिधियों की भी इस खेल में कोई रुचि नहीं होती। नगर के मोर्चाघर में 'हिन्दुस्तान से संवाद में पावर लिफ्टरों ने न केवल खेल विभाग बल्कि जिले के जनप्रतिनिधियों के भी खेल की इस विधा को नजरंदाज करने की बात कही। खिला...
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