मिर्जापुर, सितम्बर 27 -- कंतित मोहल्ला आस्था और संस्कृति का केंद्र है, लेकिन विकास और संरक्षण के बिना यहां की विरासत धीरे-धीरे फीकी पड़ती जा रही है। मोहल्ले के लोग चाहते हैं कि विरासत को संजोया जाए। कंतित स्थित नागकुंड बदहाली की मार झेल रहा है। कुंड सूखा पड़ा है। यह धरोहर गुमनामी में खो रही है। गंगा-जमुनी तहजीब के केद्र इस मोहल्ले में सुविधाएं नदारद हैं। लोग संकरी गलियां, टूटी सड़कें, कचरे के ढेर, प्रकाश व्यवस्था की कमी, बेरोजगारी जैसे संकट से जूझ रहे हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं और सरकारी योजनाओं की पहुंच भी सीमित है। मां विंध्यवासिनी शक्तिपीठ से कुछ ही दूर स्थित कंतित शरीफ में हजरत ख्वाजा इस्माइल चिश्ती की दरगाह सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल है। हर वर्ष हिंदू और मुस्लिम दोनों मिलकर उर्स मनाते हैं। इन सबके बीच मोहल्ले के लोगों की जिंदगी बुनियाद...