मिर्जापुर, मई 19 -- हर रोज अफसरों को वक्त पर दफ्तर पहुंचाने वाले, देर रात तक उनके साथ दौड़ते रहने वाले राजकीय वाहन चालक कई तरह की मुश्किलों से जूझ रहे हैं। गर्मी-सर्दी, धूप-बारिश में गाड़ी दौड़ाने वाले चालकों के विश्रामालय को गोदाम बना दिया गया है। वे कहां बैठें, यह गंभीर समस्या है। गाड़ी खराब हो जाए तो अपनी जेब से दुरुस्त कराएं। अफसरों की डांट भी झेलें। उनका कहना है कि ड्यूटी का समय तय नहीं रहता। रिटायरमेंट के समय देयकों का भुगतान नहीं होता। सम्मानजनक विदाई के लिए भी तरसते हैं। जिले में जहां सरकारी सेवाओं का विस्तार होता जा रहा है, वहीं सरकारी वाहन चालकों की स्थिति चिंताजनक है। नगर के फतहां स्थित सिंचाई कालोनी में 'हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान राजकीय वाहन चालकों ने अपनी समस्याएं बताई। गौरीशंकर तिवारी का कहना था कि सरकार का वाहन चलाते है...
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