मिर्जापुर, सितम्बर 29 -- सारीपुर मोहल्ला शहर का वह चेहरा है, जो विकास की चमक को धुंधला कर रहा है। शहर का प्रवेशद्वार कहे जाने वाले इलाके के लोग जिंदगी की समस्याओं के बीच जीने को मजबूर हैं। मोहल्ला हर दिन गंदगी, टूटी-फूटी सड़कें, जाम नालियां और अंधेरे का बोझ ढो रहा है। खाली जगहें कचरा और मृत जानवरों के अड्डे में तब्दील हो चुकी हैं। बाशिंदे चाहते हैं कि उनके मोहल्ले में भी साफ-सुथरी सड़कें हों, स्ट्रीट लाइटें जलें, नलों से पानी मिले। उनका एक सवाल भी है कि उनकी उम्मीद आखिर कब पूरी होगी? शहर और गांव की दहलीज पर बसा है सारीपुर मोहल्ला। रोज सैकड़ों लोग यहीं से शहर में दाखिल होते हैं। यहां के बाशिंदों की जिंदगी समस्याओं के जाल में कैद है। आबादी 1500 है। यह इलाका विकास की दौड़ में कोसों पीछे है। न सफाई, न पानी, न सड़क, न रोशनी। मोहल्ले में 'हिन्द...
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