मिर्जापुर, जुलाई 4 -- नाम है सरस्वती विहार, लेकिन हालात बदतर हो गए हैं। यहां कदम रखते ही नाम और हकीकत के बीच का फर्क चौंका देता है। लगभग 2000 लोग गंदगी में जीने को मजबूर हैं। नालियां उफान मार रही हैं, हर तरफ ऊबड़-खाबड़ सड़क है। गलियां कीचड़ से सनी हैं। यहां के बाशिंदे लगभग 18 साल से समस्याओं से जूझ रहे हैं। नगरपालिका क्षेत्र में होने के बावजूद कोई सुविधा नहीं है। अब लोग कहने लगे हैं कि भइया इस कॉलोनी में संभल कर चलिएगा क्योंकि नालियां उफान पर हैं। सरस्वती विहार कॉलोनी नाम से लगेगा कि सुशिक्षित, स्वच्छ और शांति भरे माहौल वाली जगह होगी। मगर हकीकत उलट है। इस कॉलोनी में गंदा पानी ही रास्ता है। मच्छरों की भरमार, सीवर जाम, जलजमाव, टूटी सड़कें, लटकते तार, कूड़े-कचरे का ढेर। वर्ष 2007 में बसी कॉलोनी में बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। यहां कुछ विशिष्...