मिर्जापुर, अगस्त 3 -- नगर का नटवां मोहल्ला कालीन और दरी बुनकरों के लिए जाना जाता है। वे बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। बारिश में नटवां रेलवे अंडरपास में पानी भरने से आवागमन ठप हो जाता है। दो दशक से बाशिंदों को टूटी सड़क, गंदगी से बजबजाते नाले, जलजमाव से जूझना पड़ रहा है। दुश्वारियों में उन्हें उम्मीद है कि आज नहीं तो कल सुविधाएं मिलेंगी। सकारात्मक बदलाव आएगा। टवां मोहल्ला जीवंत लेकिन उपेक्षित इलाका है। यहां के मेहनतकश लोग अपना जीवन संवारने के लिए दिन-रात जूझते रहते हैं। रेलवे अंडरपास में जलजमाव उनके रोज का संघर्ष बन चुका है। नटवीर चौराहे पर 'हिन्दुस्तान से चर्चा में नागरिकों ने समस्याएं बताईं। पारसनाथ ने कहा कि दशकों से यहां विकास के ठोस काम नहीं हुए हैं। समस्याओं की भरमार है लेकिन समाधान करने वाला कोई नहीं। रहवासी चाहते हैं कि मोह...
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