मिर्जापुर, जुलाई 21 -- 'मीर साहब की गली नाम सुनते ही लगता है कि कोई आलीशान इलाका होगा, लेकिन ऐसा है नहीं। यहां दुश्वारियों का 'अंबार है। सड़क कम, गड्ढे ज्यादा हैं। सफाई का नामोनिशान नहीं। कूड़े के ढेर हर गली में मिलेंगे। बिजली के तार बांस पर टंगे हैं, जान जोखिम में डालकर लोग जीते हैं। बरसात ने हालात और बदतर कर दिये हैं। हर कदम पर खतरा है। नालियां जाम हैं, पानी सड़क पर बहता रहता है। कीचड़ के बीच से होकर लोग अपने घर पहुंच पाते हैं। शिकायतों पर सुनवाई भी नहीं की जाती है। इस मोहल्ले में करीब 2000 लोग रहते हैं, लेकिन वर्षों से बुनियादी सुविधाओं से महरूम हैं। यहां के लोगों को रोज गंदगी, टूटी सड़कों और बहते नाले के बीच से होकर गुजरना पड़ता है। बरसात में परेशानी और बढ़ गई है। लोग कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही। आम लोगों की दि...