मिर्जापुर, मई 20 -- हम रोज मेहनत करते हैं, पसीना बहाते हैं। इस सोच के साथ कि एक दिन अपने देश का नाम दुनियाभर में चमकाएंगे। जितनी ताकत से किक-पंच मारते हैं, उससे ज्यादा दिल में लगन होती है ओलंपिक में जाने की। इसी जोश के साथ दिन-रात तैयारी में लगे रहते हैं। जबर्दस्त किक मारते खिलाड़ी टीवी पर बड़े-बड़े मुकाबले में धमाल मचा देते हैं, लेकिन हमारे यहां क्या है? 'कोच या 'सपोर्ट सिस्टम नहीं है। प्रैक्टिस खुले पार्क में करते हैं। ताइक्वांडो खिलाड़ी कहते हैं कि किक-पंच हमारे पास है, सिर्फ मैदान और साथ चाहिए। घोड़े शहीद स्थित रविदास पार्क और सिटी क्लब मैदान में इन दिनों टहलने वाले ही नहीं दिखते, बल्कि यहां किक, पंच और अनुशासन की गूंज भी सुनाई देती है। कुछ युवा अपनी ताकत, होशियारी और जुनून के साथ ताइक्वांडो की ट्रेनिंग कर रहे हैं। ताइक्वांडो अंतरराष्...
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