मिर्जापुर, अक्टूबर 10 -- शहर से कुछ कदम दूर अमानगंज मोहल्ला विकास की चकाचौंध से भी अछूता है। बुनियादी व्यवस्थाओं से जुड़ी यहां दुश्वारियां अमान हैं। दो हजार की आबादी के लिए हर सुबह एक उम्मीद लेकर आती है, जबकि शाम उदास बना देती है। इस माहौल में दिन-महीने और साल गुजरते जा रहे हैं। बिजली के उलझे तार, कूड़े का ढेर, खराब सड़कें और सूखे नल यहां की पहचान हैं। मोहल्ले में न सफाई है, न योजनाओं की पहुंच हो सकी है। इस माहौल में बाशिंदे खुद को शहरी कहलाना पसंद नहीं करते। शहर सीमा के भीतर बसे अमानगंज पर शासन-प्रशासन की नजर शायद अभी पड़ी ही नहीं है। यह मोहल्ला जनप्रतिनिधियों की भी उदासीनता का शिकार है। यहां न सफाई की व्यवस्था है, न जलनिकासी का प्रबंध। न ही बिजली के तार सुरक्षित ढंग से लगे हैं। आरसीसी सड़क बनने के बाद हैंडपंप बेकार हो गया। मोहल्ले में '...