मिर्जापुर, मई 5 -- गरीबों और मजलूमों को न्याय दिलाने में तत्पर महिला अधिवक्ताओं को कचहरी परिसर में जरूरी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। दीवानी कचहरी में काम कर रहीं महिला वकीलों के लिए न शौचालय, न बैठने की व्यवस्था, न पीने का पानी, न ही सुरक्षा मयस्सर है। सुविधाओं के लिए तरस रही हैं, फिर भी 'जैसे-तैसे अपना धर्म निभा रही हैं। महिला वकील सिर्फ सम्मान और सुरक्षित कामकाज का माहौल चाहती हैं। इनका संघर्ष केवल व्यक्तिगत अधिकारों का नहीं, न्याय प्रणाली को अधिक समावेशी और संवेदनशील बनाने के लिए है। वानी कचहरी में काले कोट पहनकर पहुंचने वाली महिला वकीलों की जिंदगी जितनी पेशेवर नजर आती है, हकीकत में उतनी ही संघर्षशील और तकलीफों से भरी है। कानून की रक्षा की शपथ लेने वाली ये महिलाएं खुद अपने बुनियादी अधिकारों के लिए संघर्षरत हैं। कचहरी परिसर में 60 से ...
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