मिर्जापुर, जून 23 -- डंकीनगंज शहर के पुराने और प्रमुख मोहल्लों में एक है। लोग बताते हैं कि अंग्रेजी हुकूमत के दौर में डंकन नामक अंग्रेज अधिकारी ने यहां डेरा जमाया था। उसने यहां व्यापारिक केन्द्र विकसित किया। बाद में बसा मोहल्ला डंकीनगंज कहा जाने लगा। आज इस मोहल्ले में दुश्वारियां ही दिखती हैं। सुबह-सुबह घरों का दरवाजा खोलते ही दुर्गंध और मच्छर स्वागत करते मिल जाएंगे। सड़क पर हर कदम पर गड्ढा। कहीं कूड़ा सड़ रहा है तो कहीं मच्छर पनप रहे हैं। सीवर, नाली और गंदगी जैसी समस्याएं तो हैं ही। ईस्ट इंडिया कंपनी 18वीं शताब्दी में जब मिर्जापुर को व्यापारिक केंद्र बना रही थी, तब डंकीनगंज का विकास बाजार और आवासीय मोहल्ले के रूप में हुआ था। यहीं से आसपास के क्षेत्रों में व्यापारिक नेटवर्क फैलाया गया। मोहल्ले में 'हिन्दुस्तान से चर्चा में छोटे खान ने कहा...