मिर्जापुर, जुलाई 6 -- गांव में इलाज चाहिए, लेकिन डॉक्टर ही नहीं हैं। जिले में होम्योपैथिक डाॅक्टरों की संख्या पर्याप्त नहीं है। फार्मासिस्ट भी नहीं हैं। भवनों की स्थिति असंतोषजनक है। एक डॉक्टर तीन-तीन केंद्रों पर ड्यूटी दे रहे हैं। खुद दवा बांट रहे हैं। कुछ अस्पताल पंचायत भवन तो कुछ किराए के कमरों में चल रहे हैं। सब कुछ 'जुगाड़ से चल रहा है। होम्योपैथिक चिकित्सक पूछ रहे हैं कि जब व्यवस्था ही बीमार हो, तब इलाज कैसे होगा? होम्योपैथिक चिकित्सा को सही मायनों में 'ऑक्सीजन देने की जरूरत है। होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति को दुनिया में 'सॉफ्ट मेडिसिन के तौर पर जाना जाता है। जबकि यह जिले में 'सॉफ्ट टारगेट बनती जा रही है। मरीजों के लिए सस्ता, सरल और अपेक्षाकृत सुरक्षित विकल्प मानी जाने वाली होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति बीमार हालत में है। जिले में मौजू...