मथुरा, मार्च 7 -- महानगर के यमुनापार लक्ष्मीनगर का क्षेत्र घनी आबादी वाला होने के बाद भी विकास से कोसों दूर है। समूचे शहर का कूड़ा यहां नगला कोल्हू पर डाला जाता है, जिससे कूड़े का बड़ा पहाड़ बना हुआ है। वर्षों से जमा कूड़े की वजह से लोग शुद्ध वातावरण को तरस रहे हैं। हर घर में कोई न कोई बीमारी से जूझ रहा है। न तो शुद्ध पेयजल है और न प्रकाश व्यवस्था। कालोनियों में नाली व सड़कें तक नहीं है। जल निकासी के इंतजाम न होने की वजह से जलभराव से लोग जूझते रहते हैं। पीने को पानी है न ही वातावरण में स्वच्छ हवा। कदम-कदम पर गंदगी की बात तो छोड़िए, यहां यमुना के किनारे कूड़े का पहाड़ लगा है। लक्ष्मी नगर समेत यमुनापर क्षेत्र की करीब 75 हजार से ज्यादा की आबादी वाले कोल्हू नगला व दर्जन भर पुरानी आबादी वाले क्षेत्रों के बााशिंदे कुछ ऐसी ही जिंदगी जीने को मजबूर हैं। लो...