मथुरा, जुलाई 2 -- वैसे तो सभी खेल शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं, लेकिन बास्केटबॉल ऐसा खेल है जो दौड़ भाग के साथ-साथ शरीर की हर कसरत को पूरा करने में सक्षम है। पिछले कुछ वर्षों से युवाओं का रुझान इस खेल की ओर गया है, हालांकि उससे पहले बास्केटबॉल को युवा कम ही पसंद करते थे। वर्तमान समय में स्कूल-कॉलेज के छात्र-छात्राओं में इसके प्रति दिलचस्पी बढ़ी है। मोहन पहलवान गणेशरा स्पोर्ट्स स्टेडियम में भी बास्केटबॉल खेलने वालों की संख्या ठीकठाक है। प्रतिदिन इस खेल के प्रेमी युवा अभ्यास करने पहुंचते हैं लेकिन उनका अभ्यास बगैर कोच के होता है। इन खिलाड़ियों का कहना है कि अगर कोच मिले तो उनका खेल भी निखर सकता है। डियम में बिना पर्याप्त संसाधन और गाइडेंस के अभ्यास कर रहे खिलाड़ियों का कहना है कि उनका खेल निखारने के लिए यहां कोच नहीं हैं। सिंथेटिक कोर...