मथुरा, अक्टूबर 30 -- यह ब्रज भूमि है। यहां कन्हैया ने जन्म लिया। कन्हैया का एक नाम गोपाल भी है, अर्थात गायों को पालने वाला। द्वापर युग में श्रीराधाजी के पिता बाबा बृषभानजी व श्रीकृष्ण के पिता नन्दबाबा को सबसे बड़ा गो पालक माना जाता था। माता यशोदा ने गोपाष्टमी को भगवान श्री कृष्ण को गाय चराने को भेज कर समस्त विश्व को गो पालन का संदेश दिया। युग परिवर्तन होने के साथ गाय पालने वाले बहुत से लोगों ने गायों को अपने से दूर कर दिया। कुछ ऐसे भी लोग हैं जो गाय जब तक दूध देती है, उसे अपने पास रखते हैं और फिर छोड़ देते हैं उसके हाल पर। ऐसे माहौल में आज भी ब्रज में ऐसे कई लोग हैं जो गायों की सेवा में लगे हुए हैं। उनकी गोशालाओं में सैकड़ों-हजारों गायें हैं। ब्रज के गोपालकों में पद्मश्री रमेश बाबा का नाम अलग ही स्थान रखता है। सन् 1977 में प्रसिद्ध संत रमेश ...