मथुरा, अप्रैल 12 -- परिवार का पेट भरने के लिए कर्ज लेकर ई-रिक्शा-ऑटो संचालक इन्हें खरीदते हैं। दिनभर गर्मी, सर्दी और बरसात में मेहनत करते हैं, ताकि उनके परिवार का पालन हो सके। लेकिन उनकी मेहनत पर पलीता गलत ई-रिक्शा-ऑटो संचालक और ट्रैफिक पुलिस लगा देती हैं। इनका कहना है कि चौराहे पर खड़े होने से लेकर गुजरने तक एक निर्धारित राशि पुलिस कर्मियों को देनी होती है। ई-रिक्शा संचालकों का कहना है कि वह भी चाहते हैं ट्रैफिक व्यवस्था सही रहे लेकिन उनके ही कुछ साथियों की लापरवाही सभी के लिए घातक बन जाती है। हिन्दुस्तान बोले के तहत ऑटो टेम्पो चालकों की समस्याओं को जानने की कोशिश की तो उन्होंने बताया कि उनकी समस्याएं उनके पहले कदम से ही शुरू हो जाती हैं। वाहन खरीदने के लिए महंगे ब्याज पर कर्ज लेना पड़ता है। इसके बाद लाइसेंस, परमिट और सड़क पर रोज़ाना की जद्...