मथुरा, मई 12 -- चिकित्सा जगत में अगर चिकित्सक को भगवान की तरह माना जाता है तो नर्सों के योगदान को भी कम नहीं आंका जाता। चिकित्सक तो मरीज को दिन में एक-दो बार देखता है लेकिन नर्स उसकी दिनभर न केवल देखभाल करती हैं, बल्कि उसको क्या दवा कब देनी है, इसका खयाल भी रखती हैं। मथुरा में अधिकतर नर्स अपने घर एवं परिवार से दूर रहकर मरीजों को सेवाएं दे रही हैं। उनका प्रयास रहता है कि जल्द से जल्द मरीज सही होकर अपने घर जाए। मरीज तब भावुक हो जाता है, जब अस्पताल से डिस्चार्ज होते समय नर्स उनसे कहती है कि ईश्वर करे आप स्वस्थ रहें और अब आपको यहां न आना पड़े। अगर यह कहा जाए कि नर्सें स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ होती हैं, तो अतिश्योक्ति नहीं होगा। नर्सिंग स्टाफ के लिए इंटरनेशनल नर्सिंग-डे का दिन एक नया जज्बा लेकर आया है। पीड़ित मानवता की सेवा में अपना जीवन समर्पि...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.