मथुरा, अगस्त 20 -- सर्वे विभाग बनने के के बाद सीमांकन होना था और विवाद कम होने थे लेकिन खादर की जमीनों के विवाद कम होने की जगह बढ़ते चले गए। इन 23 वर्षों में इस विभाग के ढुलमुल रवैया के चलते खादर की जमीनों पर कब्जों को लेकर मारपीट की घटनाएं होती रहती हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि असल में इसके पीछे वजह यह रही कि सर्वे विभाग के कुछ लेखपालों ने बिना सीमांकन या खेतों की नपत के बगैर ही पहले से काबिज चले आ रहे किसान की जमीन पर किसी अन्य के कब्जे करा दिए। आज भी सर्वे विभाग का बड़ा खेला चल रहा है, खादर की जमीनों की बिक्री के बाद उस जमीन का दाखिल खारिज करने का अधिकार इसी विभाग के एआर ओ को है। यहां तमाम विवाद चल रहे हैं। आरोप लग रहे हैं कि कहीं तो भूमि का स्वरूप बदले बिना ही दाखिल खरिज किये जा रहे हैं। लंबे समय से बड़े पैमाने पर मांट तहसील के अधिवक्ता ...