मथुरा, सितम्बर 10 -- कालिंदी के रौद्र रूप से नौहझील खादर के किसान बर्बाद हो गए हैं। यूं तो उनका हर साल बाढ़ से सामना होता है, लेकिन इस बार कालिंदी ने करीब एक माह तक अपने रौद्र रूप दिखाया है, जिससे खादर क्षेत्र की लहलहाती फसल को जमींदोज हो गयी है। किसानों के लिए यह बाढ़ कोई सामान्य बाढ़ नहीं है। इस बाढ़ में न जाने कितने अन्नदाताओं के सपने बहकर चले गए हैं। खादर क्षेत्र में खरीफ की फसल का मुआवजा मिलने का कोई प्रावधान नहीं है, जिससे अन्नदाता परेशान है। यमुना की बाढ़ बाजरा, ज्वार, धान और मूंगफली और सब्जियों की खेती को बाढ़ अपने साथ बहा ले गई है। किसान आला अधिकारियों से गुहार लगाता रहता है कि उनकी फसल का सर्वे कराया जाए, जिससे कि उन्हें मुआवजा मिल सके। मौके की नजाकत को भांपते हुए अधिकारी भी इन किसानों को भरोसा देते रहते हैं कि जल्द सर्वे कराया जाएगा ...
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