आगरा, जुलाई 18 -- मथुरा। क्रिकेट की तरह बैडमिंटन भी गली-मोहल्लों और कॉलोनी में खेलते हुए देखा सकता है। एक नैट लगाया और दो या चार खिलाड़ी अभ्यास में जुट जाते हैं। कुछ लोग जहां फिटनेस के लिए इस खेल को अपनाये हुए हैं तो कुछ खिलाड़ी जुनून के साथ आगे बढ़ने के लिए रैकिट और शटल के इस खेल को शिद्दत के साथ अपनाये हुए हैं। किशोर और युवा ही नहीं प्रौढ़ों में भी इस खेल का जोश हिलोरें मारता दिख जाएगा। युवक हो या युवती अगर इस खेल को जानते हैं तो मौका मिलते ही हाथ में रैकिट थाम लेते हैं। राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाने के लिए कड़ा अभ्यास और कोच की जरूरत है लेकिन स्टेडियम में कोच नहीं है। मथुरा के खिलाड़ी भी जिला और सूबे से होते हुए राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय स्तर तक की प्रतियोगिता खेलने का सपना देख रहे हैं लेकिन स्टेडियम में कोच की कमी उनके कदमों को ...