बोकारो, फरवरी 17 -- संसाधन और पूंजी के अभाव में नाई समाज पिछड़ता जा रहा है। काम के लिए सेना आदि की बहाली में अब दूसरे जाति के लोग हावी हैं। हाट बाजारों में सैलून के नाम पर आवंटित होने वाली दुकानें नाई समाज के लोगों को नहीं मिल पाती। पूंजी के अभाव में नाई समाज के युवा दूसरे की दुकान पर मजदूर बनकर जीवन गुजार देते हैं। नई समाज के लिए सरकार और सिस्टम को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। मामले पर सरकार और जिला प्रशासन को पहल करने की मांग नाई समाज के लोगों ने हिन्दुस्तान की ओर से आयोजित बोले बोकारो संवाद के दौरान की। कहा कि नाई समाज का सामाजिक उत्थान में अहम योगदान है। बावजूद इसके अबतक विकास के लिए सरकार को जो काम करना चाहिए था, वे नहीं हुआ। नाई समाज जन्म मरणोपरांत तक पारंपरिक रीति रिवाजों के लिए आवश्यक है। बगैर इनके किसी भी समाज का अनुष्ठान पूरा हो...