बोकारो, फरवरी 24 -- मछुआरा समाज से जुड़े आधे लोग मछलियों से जीविकोपार्जन कर रहे हैं, जबकि आधे लोग दिहाड़ी मजदूरी का काम कर रहे हैं। बताया कि पहले की भांति अब नदी तालाब में मछली नहीं मिलते हैं। नदी में मछली नहीं पनप रहे हैं। लोगों ने बताया कि तालाब व बंद खदान आदि जगहों में जाल से मछली पकड़ते हैं और अपना जीवकोपार्जन चलाते हैं बोकारो विधानसभा क्षेत्र में इस समाज की आबादी लगभग 25000 है। आज उनके पास ना तालाब है, ना ही मछली पालन की कोई अन्य सुविधाएं। इससे इस समाज के लोगों को अपनी पारंपरिक जीविकोपार्जन की पद्धति को बचाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। बोकारो के मछुआरा समुदाय के लोग सरकार की उपेक्षा से पीड़ित है। सरकार की ओर से किसी भी जाति के लोगों को प्रशिक्षण देकर फिशरमैन की उपाधि दिए जने से, यह समाज नाराज हैं। इनका कहना है कि पारंपरिक रूप से जात...