प्रतापगढ़ - कुंडा, अप्रैल 13 -- गरीब और बेघर परिवारों को एक अदद छत मुहैया कराने के लिहाज से शासन ने प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी और ग्रामीण की शुरुआत की है। पीएम आवास शहरी और ग्रामीण के लिए शासन ने अलग-अलग पात्रता निर्धारित की है। शासन की आवास योजना से तमाम गरीबों का घर बनाने का सपना पूरा भी हुआ है लेकिन जिम्मेदार अफसरों और कर्मचारियों के निजी स्वार्थ के चलते पीएम आवास के तमाम वास्तविक लाभार्थी वंचित भी रह गए हैं। ऐसे गैर जिम्मेदार अफसरों की वजह से दोतरफा नुकसान हो रहा है, पहला बेहद गरीब और बेघर लाभार्थी एक अदद छत से वंचित हैं तो दूसरी ओर योजना के पीछे की सरकार की मंशा पूरी नहीं हो रही है। योजना को संचालित करने वाले अफसरों के मनमाने रवैए से ऐसे लाभार्थियों को सरकारी धन का लाभ मिल गया जो पहले से साधन सम्पन्न हैं। जिम्मेदार अफसरों के इसी मनम...