प्रतापगढ़ - कुंडा, मई 29 -- आदर्श गांव के नाम से कई दशकों तक मशहूर रहा मंगरौरा का सुंदरपुर गांव अब खुद को उपेक्षित महसूस कर रहा है। गांव के चारों और चमकती काली सड़कें और रेलवे लाइन है। किंतु इनसे गांव तक आने के लिए एक संपर्क मार्ग (पक्की सड़क) की दरकार कई दशकों से है। अधिकारियों से लेकर नेताओं तक को प्रार्थनापत्र देते-देते ग्रामीण थक चुके हैं। लेकिन अब तक सड़क का कार्य एक बार भी शुरू नहीं हुआ। जबकि आसपास के अन्य गांवों में तब से कई बार सड़कें बन चुकी हैं। जिम्मेदार स्थानीय लोगों से हर बार कोई न कोई बहाना बताकर आगे की योजना में सड़क बनवाने की बात कह देते हैं। उपेक्षा का आलम तब है जबकि ग्रामीण राजनैतिक रूप से जागरूक भी हैं। मतदान का प्रतिशत यहां कभी कम नहीं होता। ग्रामीणों ने आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान के माध्यम से प्रशासन से पक्के और मजबूत सम्प...