प्रतापगढ़ - कुंडा, जून 28 -- परिषदीय स्कूलों में छात्र-छात्राओं की संख्या में इजाफा करने के लिए शासन की ओर से मध्यान्ह भोजन योजना की शुरुआत की गई। शुद्ध और ताजा मध्यान्ह भोजन बनाने के लिए प्रत्येक परिषदीय स्कूल में रसोइयों की नियुक्ति की गई है। हकीकत यह है कि वर्तमान समय में परिषदीय स्कूलों की व्यवस्था में रसोइया एक अहम कड़ी हैं। कारण हेडमास्टर इनसे साफ-सफाई से लेकर स्कूलों के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का काम ले रहे हैं। बावजूद इसके रसोइयों को काम के बदले महज दो हजार रुपए मासिक मानदेय दिया जाता है। वह भी कभी समय से नहीं मिलता। रसोइयों को मानदेय के लिए चार से पांच महीने इंतजार करना पड़ता है। एक और अहम बात रसोइयों से वर्ष में 11 महीने काम लिया जाता है लेकिन मानदेय सिर्फ 10 महीने का दिया जाता है। मानदेय बढ़ाने सहित कई अन्य समस्याओं के समाधान की ...